Breaking News
रेहड़ी-ठेली संचालक व फेरीवालों को निशुल्क मिलेगा फूड लाइसेंस
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर लागू हो सकता है यूसीसी, नियमों को दिया गया अंतिम रूप
जल स्रोतों में जल उपलब्धता के लिए “स्प्रिंगशैड मैनेजमेन्ट प्लान” के तहत होगा कार्य- महाराज
मुख्यमंत्री धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आम्रपाली विश्वविद्यालय में आयोजित अभिनन्दन समारोह – 2024 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
केदारघाटी के उत्पादों को केदार ब्रांड बनाकर सुधारेंगे मातृशक्ति की आजीविका : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
CM धामी ने श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, सुमन नगर, धर्मपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।
चौखंबा से विदेशी महिला पर्वतारोहियों का तीन दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू
राज्य में अति शीघ्र साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन किया जाए – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को किया जाएगा विकसित

श्रद्धालुओं की संख्या में होगी वृद्धि, रोजगार के नए अवसर खुलेंगे

जोशीमठ। पंचकेदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित किया जाएगा। इसके साथ केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। शासन के धर्मस्व व संस्कृति विभाग के अनु सचिव रमेश सिंह रावत द्वारा इस संबंध में संस्कृति विभाग के निदेशक को अलग-अलग आदेश जारी किये गए हैं। आदेशों में मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मद्महेश्वर धाम के विकास और गौरीकुंड स्थित मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था से विस्तृत परियोजना आख्या (डीपीआर) तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

आदेश में लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) से समन्वय स्थापित करते हुए डीपीआर तैयार करने को कहा गया है। उधर, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मद्महेश्वर धाम के विकास और मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण की योजना को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मद्महेश्वर धाम के विकास की योजना से वहां श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

उल्लेखनीय है कि 3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मद्महेश्वर धाम रुद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ विकास खंड में स्थित है। मद्महेश्वर पहुंचने के लिए श्रद्वालुओं को करीब 14 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। पंच केदारों में से द्वितीय केदार के रूप में मद्महेश्वर धाम की मान्यता है। यहां भगवन शिव के नाभि रूप की पूजा होती है। मंदिर का प्रबंधन बीकेटीसी देखती है। इसी प्रकार मां गौरी का मंदिर केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर स्टेशन गौरीकुंड में स्थित है। केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालु मां गौरी के दर्शनों के बाद अपनी यात्रा पर निकलते हैं। इसका प्रबंधन भी बीकेटीसी के पास है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top