Breaking News
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
देहरादून कॉलेज ऑफ आर्ट में आयोजित की गई डिबेट इनटेंजिबल आर्ट और टेंजिबल आर्ट
देहरादून कॉलेज ऑफ आर्ट में आयोजित की गई डिबेट इनटेंजिबल आर्ट और टेंजिबल आर्ट
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आगामी जनगणना में होगी जातिगत गणना
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आगामी जनगणना में होगी जातिगत गणना
महिला सशक्तिकरण का जीवंत प्रतीक बन रही बालिका निकेतन की बेटियां – रेखा आर्या
महिला सशक्तिकरण का जीवंत प्रतीक बन रही बालिका निकेतन की बेटियां – रेखा आर्या
The Indian Academy, Karnaprayag ने एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान किया स्थापित
The Indian Academy, Karnaprayag ने एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान किया स्थापित
एकता कपूर की नई फिल्म ‘वीवन’ का रोमांचक टीजर रिलीज, तमन्ना भाटिया निभा रही रहस्यमयी भूमिका
एकता कपूर की नई फिल्म ‘वीवन’ का रोमांचक टीजर रिलीज, तमन्ना भाटिया निभा रही रहस्यमयी भूमिका
अक्षय तृतीया पर विधि-विधान के साथ खुले यमुनोत्री धाम के कपाट, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
अक्षय तृतीया पर विधि-विधान के साथ खुले यमुनोत्री धाम के कपाट, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
Meta ने पेश किया अपना नया AI ऐप, ChatGPT को देगा सीधी टक्कर
Meta ने पेश किया अपना नया AI ऐप, ChatGPT को देगा सीधी टक्कर
क्या आप भी हैं पेट की चर्बी से परेशान? तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगा फायदा 
क्या आप भी हैं पेट की चर्बी से परेशान? तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगा फायदा 

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु बने पावन पल के साक्षी

महादेव के जयकारों से गूंजा क्षेत्र 

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। इस दौरान पूरा क्षेत्र हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की डोली भी प्रवास पर निकल गई है। सात नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर मर्कटेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ की यात्रा इस वर्ष 10 मई को शुरू हुई थी। इस साल यहां पौने दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

मंदिर के कपाट बंद होने प्रक्रिया तड़के से शुरू हो गई थी। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किए। ठीक दस बजे से मंदिर के गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।  भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया।शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों, अक्षत से ढक दिया गया। इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी और अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किए।

परिक्रमा के बाद हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता के लिए निकले। पांच नवंबर और 6 नवंबर को चलविग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुन प्रवास करेगी। सात नवंबर को भगवान तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद अगले छह महीने भगवान तुंगनाथ की पूजा यहीं होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top